मुहावरे और लोकोक्तियाँ | Idioms and Proverbs भाग -3
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मुहावरे और लोकोक्तियाँ |
61. राई का पहाड़ बनाना (छोटी बात को बड़ी बनाना) - उसने अपने दुःख को राई का पहाड़ बना दिया है।
62. रंग में भंग पड़ना (आनंद में बाधा पड़ना) - राम के दावत में आ जाने से रंग में भंग पड़ गया।
63. विष उगलना (बहुत कड़वी बात कहना) - मालिक अपने को सच्चा व् मजदूरों को जूठा बताकर विष उगलता है।
64. लट्टू होना (मुग्ध होना) - सुन्दर वस्तु पर सब लट्टू हो जाते हैं।
65. लाल-पीला होना (गुस्सा होना) - ज़रा-ज़रा-सी बात पर लाल-पीला नहीं होना चाहिए।
66. लोहा लेना (मुकाबला करना) - भारत के वीर सैनिक शत्रुओं से लोहा लेते हैं।
67. लोहे के चने चबाना (मज़ा चखाना) - वीर शिवजी ने युद्ध में मुगलों को लोहे के चने चबवा दिए।
68. श्री गणेश करना (आरंभ करना) - आज से मैं व्यापार का श्रीगणेश करूँगा।
69. सिर खाना (दिमाग चाटना) - राम ने परीक्षा में उत्तर पूछ-पूछकर मेरा सिर खा लिया।
70. सिर पर कफ़न बाँधना (मृत्यु के लिए तैयार रहना) - देश-भक्त रक्षा के लिए हमेशासिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।
71. हवा से बातें करना या हवा हो जाना (बहुत तेज दौड़ना) - रेलगाड़ी चलते ही हवा से बातें करने लगी।
72. हवाई किले बनाना (कोरी कल्पनाएं करना) - हवाई किले बनाने से कुछ नहीं होगा, उठो कुछ करो, कुछ बनकर दिखाओ।
73. हाथ मलना (पछताना) - अभी मेहनत नहीं की तो बाद में हाथ मलते रहोगे।
74. हक्का-बक्का रह जाना (चकित होना) - शेर को सामने देखकर शिकारी हक्का-बक्का रह गया।
75. हृदय पर साँप लोटना (ईष्या होना) - पड़ोसी का हार बना देखकर नाथू के हृदय पर साँप लौटने लगा।
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