क्रिया-विशेषण | Adverb
परिभाषा :-जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे - हम लोग कल चिड़िया घर देखने जायेंगे।
रेखा मंद - मंद मुस्कुरा रही थी।
वह बहुत रोया ,बार बार गिड़गिड़ाया ,लेकिन मालिक पर कोई असर नहीं हुआ।
उपर्युक्त वाक्यों में 'कल', 'मंद-मंद', 'बहुत', और बार-बार क्रमसः 'देखना' , 'मुस्कुराना' , 'करना', 'रोना' 'गिड़गिड़ाना' क्रियाओं की विशेषता बता रहे हैं अतः यह क्रिया विशेषण अव्यय हैं।
1. रीतिवाचक क्रिया विशेषण
2. स्थानवाचक क्रिया विशेषण
3. कालवाचक क्रिया विशेषण
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
1. रीतिवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Manner) :- जो शब्द क्रिया के होने की रीति या विधि बताते हैं , उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) राधा जोर-जोर से चिल्ला रही है।
(ख) आप यहाँ कैसे आये है ?
(ग) मैं नहीं आऊँगा।
2. स्थानवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Place) :- जो शब्द क्रिया की स्थान - सम्बन्धी विशेषता का बोध कराते है ,उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं ; जैसे -
(क) यहाँ हम सभी सकुशल हैं , वहाँ आप भी कुशलपूर्वक होंगे।
(ख) सीता ने कहा, "जहाँ राम रहेंगे वहीं मैं भी रहूँगी"।
(ग) धर्म की सर्वत्र विजय होती है।
(घ) राम ,यही बैठकर पढ़ो, इधर -उधर मत जाओ।
3. कालवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Time) :- जो शब्द क्रिया की काल या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराती हैं ,उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) राधा गाड़ी से आज सवेरे आने वाली थी लेकिन अभी तक नहीं आयी।
(ख) सोहन परसों जरूर आएगा।
(ग) सदा सत्य बोलो और प्रसन्न रहो।
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Quantity) :-जो शब्द क्रिया की ात्र या परिमाण बताये ,उसे परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) आप कितना ही कहें ,वह नहीं मानेगा।
(ख) असम में चाय बहुत होती हैं।
(ग) कम बोलो।
(घ) थोड़ा खाओ ,खूब चबाओ।
वह बहुत रोया ,बार बार गिड़गिड़ाया ,लेकिन मालिक पर कोई असर नहीं हुआ।
उपर्युक्त वाक्यों में 'कल', 'मंद-मंद', 'बहुत', और बार-बार क्रमसः 'देखना' , 'मुस्कुराना' , 'करना', 'रोना' 'गिड़गिड़ाना' क्रियाओं की विशेषता बता रहे हैं अतः यह क्रिया विशेषण अव्यय हैं।
क्रिया विशेषण के भेद (Kinds of Adverb) :
क्रिया विशेषण के चार भेद हैं :1. रीतिवाचक क्रिया विशेषण
2. स्थानवाचक क्रिया विशेषण
3. कालवाचक क्रिया विशेषण
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
1. रीतिवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Manner) :- जो शब्द क्रिया के होने की रीति या विधि बताते हैं , उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) राधा जोर-जोर से चिल्ला रही है।
(ख) आप यहाँ कैसे आये है ?
(ग) मैं नहीं आऊँगा।
2. स्थानवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Place) :- जो शब्द क्रिया की स्थान - सम्बन्धी विशेषता का बोध कराते है ,उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं ; जैसे -
(क) यहाँ हम सभी सकुशल हैं , वहाँ आप भी कुशलपूर्वक होंगे।
(ख) सीता ने कहा, "जहाँ राम रहेंगे वहीं मैं भी रहूँगी"।
(ग) धर्म की सर्वत्र विजय होती है।
(घ) राम ,यही बैठकर पढ़ो, इधर -उधर मत जाओ।
3. कालवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Time) :- जो शब्द क्रिया की काल या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराती हैं ,उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) राधा गाड़ी से आज सवेरे आने वाली थी लेकिन अभी तक नहीं आयी।
(ख) सोहन परसों जरूर आएगा।
(ग) सदा सत्य बोलो और प्रसन्न रहो।
4. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of Quantity) :-जो शब्द क्रिया की ात्र या परिमाण बताये ,उसे परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे -
(क) आप कितना ही कहें ,वह नहीं मानेगा।
(ख) असम में चाय बहुत होती हैं।
(ग) कम बोलो।
(घ) थोड़ा खाओ ,खूब चबाओ।
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