काल | Tense
परिभाषा - 'काल' क्रिया का वह रूप है जिससे क्रिया के होने के समय तथा उसकी पूर्णता या अपूर्णता का बोध होता है |
काल के भेद (Kinds of Tense) :
1. वर्त्तमान काल (Present Tense) :- जिस क्षण बात कही जा रही हैं उसी क्षण क्रिया के होने का बोध हो तो वह वर्त्तमान काल होता है। इन क्रियायों का अंत में प्रायः 'है', 'हैं', 'हो', 'हूँ' रहते हैं।जैसे - मैं जाता हूँ। , तूम जाते हो। , वह जाता है। , वे जाते है।
मैं जा रहा हूँ। , तुम जा रहे हो। , वह जा रहा है।
शायद वह जाता हो। , शायद वह जा रहा हो।
वर्तमान काल के पांच भेद होते हैं -
1. सामान्य वर्तमान 2. तात्कालिक वर्त्तमान 3. पूर्ण वर्त्तमान 4. संदिग्ध वर्त्तमान 5. संभाव्य वर्त्तमान
2. भुत काल (Past Tense) :- जिस क्षण बात कही जा रही हैं उससे पहले अथवा बीते हुए समय में क्रिया के होने का बोध होता है , तो उसे भुत काल कहते हैं। भूतकाल की क्रिया के अंत में 'था', 'थी', 'थे', 'थीं' आदि लगते हैं जैसे -
मैं पुस्तक पढ़ा रहा था। ,मैंने पुस्तक पढ़ी। , मैंने पुस्तक पढ़ चूका था।
भूतकाल के छ भेद होते है।
1. सामान्य भूतकाल 2. आसन्न भूतकाल 3. पूर्ण भूतकाल 4. अपूर्ण भूतकाल 5. संदिग्ध भूतकाल 6. हेतु - हेतुमद भूतकाल
3. भविष्यत् काल (Future Tense) :- जिस क्षण बात कही जा रही हैं उसके बाद अथवा आने वाले समय में क्रिया के होने का बोध होता है , तो उसे भविष्यत् काल कहते है। इसके अंत में 'आएगा', 'आएँगी', 'आएंगे', 'जायेगा', 'जाएँगी', 'जाएंगे' आदि। जैसे -
मैं कल आऊंगा।, क्या तुम कल जाओगे
भविष्यत् काल के तीन भेद होते हैं -
1. सामान्य भविष्यत् 2. संभाव्य भविष्यत् 3. हेतु - हेतुमद भविष्यत्
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