वाक्य रचना | Formation of Sentences
परिभाषा - वाक्य पदों का वह व्यवस्थित समूह होता है जिसमें पूर्ण अर्थ देने की शक्ति होती है ;जैसे राम पुस्तक पढता है , यहाँ हमें इस बात का पूर्ण ज्ञान होता है कि एक विशिष्ट व्यक्ति है जो विशिष्ट क्रिया कर रहा है।वाक्य के अंग - साधारण तौर पर वाक्य में दो पद अवश्य होते हैं। जैसे -
शत्रु भागा ,मोहन गया , पुस्तक मिली। अतः जिस वाक्य में कम-से-कम दो पद होंगे ,उनमें से ऐसा अवश्य होगा जिसके विषय में कुछ कहा गया है , और दूसरा पद ऐसा होगा जिसके द्वारा उक्त पद के सम्बन्ध में कुछ बताया गया होगा ,इस प्रकार ,जिसके विषय में कोई बात कही जाती है उसे उद्देश्य और उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है , विधेय कहते हैं।
इस तरह वाक्य के दो मुख्य अंग होते हैं - 1. उद्देश्य , और 2. विधेय
उदाहरण उद्देश्य विधेय
(क) राम उठा।
(ख) शत्रु भागा।
वाक्य चाहे दो पदों का हो अथवा दो से अधिक पदों का , उसके दो ही अंग होंगे - उद्देश्य और विधेय
अर्थ के आधार पर वाक्य (Kinds of Sentence on the basis of Meaning)
अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते हैं :
1. विधानवाचक
2. निषेधवाचक
3. आज्ञावाचक
4. प्रश्नवाचक
5. विस्मयादिबोधक
6. इच्छावोधक
7. संदेहवाचक
8. शर्तवाचक
1. विधानवाचक वाक्य - ऐसे वाक्य में किसी बात या कार्य के होने या करने का बोध होता है ;जैसे -
(क) वह आया।
(ख) प्रधानमंत्री ने लालकिला पर तिरंगा झंडा फहराया।
(ग) ठंडी-ठंडी हवा चल रही है।
2. निषेधवाचक (नकारात्मक) वाक्य - ऐसे वाक्य में किसी बात या कार्य के न होने या न करने का भाव प्रकट होता है ; जैसे -
(क) वह नहीं आया।
(ख) अभी मत आओ।
(ग) वहाँ मत जाओ।
3. आज्ञावाचक वाक्य - ऐसे वाक्य में किसी बात या कार्य के लिए आज्ञा , प्रार्थना या उपदेश का भाव रहता है ; जैसे -
(क) यहाँ से चले जाओ।
(ख) अभी मत जाओ।
(ग) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ।
4. प्रश्नवाचक वाक्य - ऐसे वाक्य में कोई प्रश्न पूछा जाता है ; जैसे -
(क) आपको क्या डर है ?
(ख) हमें कौन रिक सकता है ?
(ग) वह क्या कर रहा है ?
5. विस्मयादिबोधक वाक्य - ऐसे वाक्य में विस्मय ,हर्ष , शोक. ग्र्रीना आदि का बोध हॉट यही ; जैसे-
(क) कैसा सुन्दर स्थान है !
(ख) अहा ! तुम आ गए।
(ग) अरे ! यह क्या हुआ।
6. इच्छावोधक वाक्य - ऐसे वाकया में इच्छा शुभकामना अथवा अभिशाप का भाव प्रकट किया है ; जैसे -
(क) तुम्हारा कल्याण हो !
(ख) भारत मत की जय हो !
7. संकेतवाचक वाक्य - ऐसे वाक्य में संदेह या संभावना का बोध होता है ; जैसे -
(क) हो सकता है की तुम्हे घर जाना पड़े।
(ख) शायद आज वर्षा हो।
8. शर्तबोधक वाक्य - ऐसे वाक्य में एक बात या कार्य का होना या न होना किसी दूसरे बात या कार्य के होने या न होने पर निर्भर रहता है। जैसे -
(क) यदि वर्षा न होती तो अकाल पड जाता।
(ख) तुम चलते तो मैं भी साथ चलता।
1. सरल वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य
1. सरल वाक्य (Simple Sentence) - सरल वाक्यों में एक ही विधेय होता ; जैसे -
(क) महेश आया।
(ख) अमर ने खाना खाया।
(ग) एक लड़का और चपरासी पहुँच गए।
(घ) अमर, राजिव और मनोज आ गए हैं।
ऊपर दिए गए पहले दो वाक्यों में उद्देश्य में एक - एक पद है , तीसरे वाक्य में दो और चौथे वाक्य में तीन। परन्तु चारों वाक्यों में विधेय एक-एक ही है। ये सब सरल वाक्य हैं।
2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) - जिस वाक्य में दो या दो से अधिक समानाधिकरण वाक्य होते हैं ,उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं ;जैसे -
(क) आशीष स्कूल जाता है और मन लगाकर पढता है।
(ख) वह चला गया परन्तु रस्ते से लौट आया।
पहले वाक्य में 'आशीष स्कूल जाता है। ' एक सरल वाक्य है तथा 'आशीष मन लगाकर पढता है 'दूसरा सरल वाक्य है। इन दोनों सरल वाक्यों को 'और' संयुक्त कर दिया गया है। 'और' से जुड़कर बने वाक्य में दोनों उपवाक्य परस्पर 'समानाधिकरण उपवाक्य' कहे जाते हैं।
दूसरे वाक्य में 'वह चला गया' पहला समानाघिकरण उपवाक्य है तथा 'रास्ते से लौट आया' दूसरा समानाधिकरण उपवाक्य है। दोनों वाक्य 'परन्तु' योजक से संयुक्त हुए हैं।
3 मिश्र उपवाक्य (Complex Sentence) - जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों , वह मिश्र ; जैसे-
(क) गोपाल ने पूछा की कहा गए थे ?
(ख) हम जानते हैं की वे आज नहीं आएंगे ,जबकि उनकी अत्यंत आवश्यकता है।
उपर्युक्त वाक्यों में दो या दो से अधिक उपवाक्य हैं।
(क) वाक्य में 'गोपाल ने पूछा' प्रधान उपवाक्य है और 'तुम कहाँ गए थे' आश्रित उपवाक्य हैं ,क्योकि दूसरा उपवाक्य पहले पर निर्भर (आश्रित) है।
वाक्य (ख) में 'हम जानते हैं ' प्रधान उपवाक्य है और बाद के दोनों उपवाक्य आश्रित उपवाक्य हैं। ऐसे वाक्यों को आश्रित उपवाक्य इसलिए कहते हैं क्योकि वे प्रधान की आकांक्षाओं की पूर्ति करते हैं।
8. शर्तबोधक वाक्य - ऐसे वाक्य में एक बात या कार्य का होना या न होना किसी दूसरे बात या कार्य के होने या न होने पर निर्भर रहता है। जैसे -
(क) यदि वर्षा न होती तो अकाल पड जाता।
(ख) तुम चलते तो मैं भी साथ चलता।
रचना के दृस्टि से वाक्य के भेद (Kinds of Sentence on the basis of Sentence)
रचना के आधार पर वाक्यों प्रकार हैं1. सरल वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य
1. सरल वाक्य (Simple Sentence) - सरल वाक्यों में एक ही विधेय होता ; जैसे -
(क) महेश आया।
(ख) अमर ने खाना खाया।
(ग) एक लड़का और चपरासी पहुँच गए।
(घ) अमर, राजिव और मनोज आ गए हैं।
ऊपर दिए गए पहले दो वाक्यों में उद्देश्य में एक - एक पद है , तीसरे वाक्य में दो और चौथे वाक्य में तीन। परन्तु चारों वाक्यों में विधेय एक-एक ही है। ये सब सरल वाक्य हैं।
2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) - जिस वाक्य में दो या दो से अधिक समानाधिकरण वाक्य होते हैं ,उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं ;जैसे -
(क) आशीष स्कूल जाता है और मन लगाकर पढता है।
(ख) वह चला गया परन्तु रस्ते से लौट आया।
पहले वाक्य में 'आशीष स्कूल जाता है। ' एक सरल वाक्य है तथा 'आशीष मन लगाकर पढता है 'दूसरा सरल वाक्य है। इन दोनों सरल वाक्यों को 'और' संयुक्त कर दिया गया है। 'और' से जुड़कर बने वाक्य में दोनों उपवाक्य परस्पर 'समानाधिकरण उपवाक्य' कहे जाते हैं।
दूसरे वाक्य में 'वह चला गया' पहला समानाघिकरण उपवाक्य है तथा 'रास्ते से लौट आया' दूसरा समानाधिकरण उपवाक्य है। दोनों वाक्य 'परन्तु' योजक से संयुक्त हुए हैं।
3 मिश्र उपवाक्य (Complex Sentence) - जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों , वह मिश्र ; जैसे-
(क) गोपाल ने पूछा की कहा गए थे ?
(ख) हम जानते हैं की वे आज नहीं आएंगे ,जबकि उनकी अत्यंत आवश्यकता है।
उपर्युक्त वाक्यों में दो या दो से अधिक उपवाक्य हैं।
(क) वाक्य में 'गोपाल ने पूछा' प्रधान उपवाक्य है और 'तुम कहाँ गए थे' आश्रित उपवाक्य हैं ,क्योकि दूसरा उपवाक्य पहले पर निर्भर (आश्रित) है।
वाक्य (ख) में 'हम जानते हैं ' प्रधान उपवाक्य है और बाद के दोनों उपवाक्य आश्रित उपवाक्य हैं। ऐसे वाक्यों को आश्रित उपवाक्य इसलिए कहते हैं क्योकि वे प्रधान की आकांक्षाओं की पूर्ति करते हैं।
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